जानिए कैसे IPS गौरव तिवारी बन गए आम आदमी के नायक

देश की बागडोर असल मायने में अफसरों के हाथ में होती है. यदि नौकरशाही दुरुस्त हो तो कानून-व्यवस्था चाकचौबंद रहती है. जिस तरह से भ्रष्टाचार का दीमक नौकरशाही को खोखला किए जा रहा है, लोगों का उससे विश्वास उठता जा रहा है. लेकिन कुछ ऐसे भी IAS और IPS अफसर हैं, जो अपनी साख बचाए हुए हैं. उनके कारनामे आज मिशाल के तौर पर पेश किए जा रहे हैं. aajtak.in ऐसे ही प्रशासनिक और पुलिस अफसरों पर एक सीरीज पेश कर रहा है. इस कड़ी में आज पेश है मध्य प्रदेश काडर के IPS अफसर गौरव तिवारी की दास्तान.

IPS अफसर गौरव तिवारी की दिलचस्प दास्तान

  • – मध्य प्रदेश काडर के IPS अफसर गौरव तिवारी कटनी जिले में अपने कार्यकाल के दौरान ऐसा कमाल किया कि लोग उनके फैन हो गए. 500 करोड़ रुपए के हवाला कारोबार का पर्दाफाश करने वाले इस SP का जब तबादला हुआ, तो लोग सड़क पर आ गए. गौरव तिवारी को मिला आम जनता का मिला ये समर्थन उन्हें रातों-रात नायक बना दिया.
  • – IPS अफसर गौरव तिवारी का जन्म उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में एक साधारण किसान परिवार में हुआ था. स्कूल की पढ़ाई गांव में ही करने के बाद आईआईटी की परीक्षा पास करके गौरव इंजीनियर बन गए. उन्होंने टाटा कंपनी में नौकरी शुरू कर दी. लेकिन कुछ अलग करने की तमन्ना उनके मन में बनी रही.
  • – करीब 2 साल तक टाटा कंपनी में नौकरी करने के बाद गौरव तिवारी दिल्ली चले आए. यहां उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी. उनके पिता अरुण तिवारी बताते हैं कि दिल्ली में यूपीएससी की तैयारी के दौरान महज 7000 रुपये में अपना खर्च चला लेते थे. इसमें खाने, रहने और पढ़ाई का खर्च शामिल था.
  • – गौरव तिवारी के पिता गांव पर ही रहकर खेती करते हैं. लेकिन माता-पिता से मिली शिक्षा के बल पर गौरव ने न केवल देश की सबसे बड़ी परीक्षा पास की, बल्कि IPS अफसर बनकर लोगों की सेवा करते हुए परिवार सहित नौकरशाही का भी मान बढ़ा रहे हैं.
  • – साल 2015 में गौरव की पोस्टिंग बालाघाट में थी. उस समय उनकी पत्नी आभा तिवारी गर्भवती थी. डिलीवरी के लिए उन्हें जैसे ही अस्पताल में भर्ती कराया गया, गौरव को नक्सलियों से जुड़े एक सीक्रेट मिशन पर जाने का आर्डर मिल गया. उसी रात उनकी पत्नी ने बेटी को जन्म दिया और वो अपने मिशन पर निकल पड़े.